विवि का जवाब :राष्ट्र ध्वज के अनादर का भाव नहीं, कर्मचारी से मांगा स्पष्टीकरण

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में राष्ट्रीय ध्वज उल्टा लगाने का मामले के तूल पकडऩे के बाद और कुलपति के खिलाफ मुखर हुई कांग्रेस के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए विक्रम विश्वविद्यालय ने शनिवार को मामले में स्पष्टीकरण दिया।
विवि द्वारा जारी स्पष्टीकरण में कहा 19 जुलाई को बैठक में विवि कर्मचारी द्वारा बैठक व्यवस्था की प्रक्रिया के दौरान गलती से टेबल पर रखे राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा लगा दिया गया था जिसे बैठक शुरू होने से पहले सीधा कर दिया था। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन ने खेद जताते हुए कहा विवि द्वारा राष्ट्र ध्वज के अनादर का भाव किसी भी रूप में नहीं है। इस संबंध में संबंधित कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें विवि की कार्यपरिषद की बैठक में राष्ट्र ध्वज काफी देर तक कुलपति के सामने उल्टा रखा था। हालांकि करीब सवा घंटे बाद ध्वज को सीधा किया गया।

बचाव के लिए फिर झूठ
विक्रम विवि द्वारा जारी किए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि बैठक की कार्यवाही शुरू होने से पहले राष्ट्र ध्वज को सीधा कर लिया गया था, जबकि ऐसा नहीं हुआ। कार्यपरिषद की बैठक दोपहर १२ बजे शुरू हुई और ध्वज को करीब १.१५ बजे सीधा किया गया। ऐसे में विवि ने अपने बचाव के लिए झूठ का सहारा लिया।

एसपी को ज्ञापन, एफआईआर की मांग
मामले में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। जिला कांग्रेस आईटी एवं सोशल मीडिया सेल अध्यक्ष साहिल देहलवी के नेतृत्व में एसपी सचिन अतुलकर को कुलपति पर प्रकरण दर्ज करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। उन्होंने राज्यपाल को भी पत्र लिखकर मांग की है कि कुलपति और कार्यपरिषद सदस्यों को तत्काल हटाया जाए जिन्हें ध्वज की गरिमा का ध्यान नहीं। इसी प्रकार मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव सैयद मकसूद अली के नेतृत्व में एसपी को कुलपति के खिलाफ आवेदन दिया।

इनका कहना
राष्ट्रीय ध्वज के मामले में शनिवार विवि की ओर से बयान जारी किया गया है। फिर भी कार्यपरिषद की बैठक से पहले ही राष्ट्र ध्वज के उल्टा होने की ओर ध्यान चला गया था जिसके बाद उसे ठीक कर लिया गया था।
डॉ. बालकृष्ण शर्मा, कुलपति, विक्रम विवि

कुलपति व विवि प्रबंधन ने प्रमाणिक रूप से बताया है कि बैठक की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही राष्ट्रीय ध्वज को सीधा कर लिया गया था।
डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम विवि

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